जब चीन के कुछ जवानो ने किया था LAC को पार, औऱ की थी भारत में जबरन घुसपैठ…
45 साल बाद फिर से शुरू हुआ LAC पर गोलियों का सिलसिला। 45 साल पहले यानि की सन 1975 में अरुणाचल प्रदेश से शुरू हुआ था गोलियों का सिलसिला जब भारत और चीन के मध्य पहली दफा चली थीं गोलिया। जब चीन के कुछ जवानो ने किया था LAC को पार, औऱ की थी भारत में जबरन घुसपैठ। घुसपैठ के समय भारत के 4 बहादुर जवान हुए थे वीरगति को प्राप्त।
क्या था 1975 में हुई गोलाबारी का कारण
कहा जाता है की 1975 का हमला चीन ने इसलिए करवाया था क्योंकि तब सिक्किम भारत के अंतर्गत आ चुका था, अर्थात भारत का हिस्सा बन चूका था। और उधर चीन को भारत की यह तरक्की बिलकुल रास नहीं आई। यही कारण था की 1975 में चीन के कुछ जवानो ने भारत में घुसपैठ कर अरुणांचल प्रदेश को अपना निशाना बनाया और गोलीबारी शुरू कर दी।
बता दें की पिछले 45 सालो से LAC का माहौल बहुत शांत था, पर अब लगता है की वही गोलीबारी का किस्सा यहाँ फिर से दोहराया जायेगा।
आखिर कैसे शुरू हुआ गोलाबारी का किस्सा
चीन ने एक ऑफिसियल स्टेटमेंट जारी किया, जिसके अनुसार पहला वार्निंग शूट भारत की तरफ से फायर किया गया। जिसके जवाब में चीन ने भी वार्निंग शॉट किया। अब पांगोंग लेक के पास हालात बहुत नाजुक है। बता दे की भारत ने हाल ही में पांगोंग लेक के सबसे महत्वपूर्ण पोस्ट, ब्लैक टॉप पोस्ट पर 2020 में अगस्त 29 से 30 के बीच में उस पर कब्जा किया। जिसपर चीन न खुश है, और इसी कारण वह 2-3 बार भारत पर हमले की कोशिश कर चूका है।
भारत ने 8 सितम्बर को ब्लैक टॉप पोस्ट पर हमला करके, जिसपर पहले चीन का कब्जा था, चीन के सारे इक्विपमेंट उखाड़ फेकें। जिसे की अब चीन दुबारा हासिल करना चाहता है। बतादे की यह सारा मसला उस एग्रीमेंट का है जो भारत और चीन के मध्य 1996 और 2005 में हुआ था। जिसके अनुसार LAC पर चीन और भारत में से कोई भी फायरिंग नहीं करेगा। दोनों पक्षों का कहना है की फायरिंग अपोजिट पक्ष ने की है। अब बात यहाँ आकर थमती है, की या तो भारत और चीन के मध्य नया बांड साइन होगा या फिर गोलीबारी का इतिहास दोहराया जायेगा।
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