देवी पूजा करने वाले देश में बच्चियों के बलात्कार की घटनाएं तकरीबन रोज ही अखबारों और न्यूज चैनलों की सुर्खियां बनती हैं। ये शैतान अब तो दिन के उजाले में निकलते हैं। अपने झुंड के साथ, बच्चियों का शिकार करने। हवस की पतंग बनाकर उड़ाते हैं। जहां ये पतंग गिर गई, वहां की बच्ची उनका शिकार बन जाती है। बच्चियां भी पूजा कर करके थक जाती हैं। काली मां आती नहीं है, लेकिन फिर आता है एक सलार, एक वेदा जो लिखित कानूनों को नहीं मानता है। वह इन आततायियों की बलि चढ़ाता है और बन जाता है एक ऐसा नायक जिसके लिए भाषा, प्रांत और परंपराओं की सीमाएं टूट जाती हैं।
फिल्म ‘सलार पार्ट वन सीज फायर’ का ये एक इकलौता दृश्य प्रभास को मर्दानगी के उस उत्कर्ष पर ले जाता है, जहां इससे पहले वह सिर्फ ‘बाहुबली’ में पहुंचे थे। एक मां और मामा यहां भी हैं। एक काल्पनिक राजकुमारी भी यहां है। लेकिन, इस बार कहानी में एक दोस्त भी है, जिस पर हाथ डालने वाले का, वेदा हाथ ही नहीं काटता। वह काटता है, उसका गला।
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