यह है बटाला के पास विश्व प्रसिद्ध मंदिर अचलेश्वर ,जहां पर भगवान शिव अपने परिवार व 33 करोड़ देवी देवताओं के साथ आये थे। मान्यता के अनुसार भगवान भोले नाथ ने जब अपना उत्तराधिकारी चुनने के लिए अपने दोनों बेटों भगवान गणेश व कार्तिके को बुलाया और कहा जो भी 3 लोकों की परिक्रमा के पहले पहुचेगा,वही मेरा उत्राधिकारी होगा। जिसके बाद गणेश जी मौसे की और कार्तिके मोर की सवारी पर निकल पड़े। इसी दौरान नारद जी गणेश जी को मिले और कहा के आप के तीन लोक तो माता पिता के चरणों में है,जिसके बाद श्री गणेश जी ने भगवान शिव और माता पार्वती की परकर्म कर प्रणाम किया और कहा के मेरे 3 लोक आप के चरणों में है। कार्तिके की बात सुन भगवान शिव ने गणेश जी को अपना उत्तराधिकारी बना दिया। इसी दौरान कार्तिके बटाला से करीब 7 किलोमीटर दूर स्थित जगह पर विश्राम के लिये ठहरे तजे,पता चलते ही कार्तिके नाराज हो है और ऐसी जगह पर भक्ती मन लीन हो गए। जब भोले नाथ कोंपता चला तो कार्तिके को मनाने के लिये 33 करोड़ देबी देवताओं को बबेज,कार्तिके फिर भी नहीं माने। जिसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती भी मानने के लिए इस जग पहुंचे। लेकिन कार्तिके नहीं माने |
जिसके बाद भगवान शिव ने कार्तिके को वरदान दिया के दीपावली के बाद कार्तिकनमहिने के 9 वी एयर 10 वी को मेला लैहेगा और 33 करोड़ देवी देवता यह पर पहुंच करेंगे।
विश्व प्रसिद्ध अचलेश्वर मंदिर की भक्तों की उमड़ी भीड़ क्यों बनाया भगवान शिव ने गणेश को अपना उत्तराधिकारी !

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