मंत्रालय ने कहा कि एनएचएआई मौजूदा फास्टैग पारिस्थितिकी तंत्र के तहत जीएनएसएस आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली को लागू करने के लिए तेजी से काम कर रहा है और जीएनएसएस आधारित टोल भुगतान प्रणाली को अपनाने के लिए टोल प्लाजा पर जीएनएसएस लेन बनाने की योजना बना रहा है। जैसे-जैसे जीएनएसएस आधारित ईटीसी का उपयोग बढ़ेगा, सभी लेन को जीएनएसएस लेन में बदल दिया जाएगा।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्रबंधन प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाने और यात्रा को अधिक सुलभ और सरल बनाने के लिए जीएनएसएस आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली विकसित करने के लिए वैश्विक स्तर पर रुचि की अभिव्यक्ति-ईओआई आमंत्रित की है।
मंत्रालय ने कहा कि एनएचएआई मौजूदा फास्टैग पारिस्थितिकी तंत्र के तहत जीएनएसएस आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली को लागू करने के लिए तेजी से काम कर रहा है और जीएनएसएस आधारित टोल भुगतान प्रणाली को अपनाने के लिए टोल प्लाजा पर जीएनएसएस लेन बनाने की योजना बना रहा है। जैसे-जैसे जीएनएसएस आधारित ईटीसी का उपयोग बढ़ेगा, सभी लेन को जीएनएसएस लेन में बदल दिया जाएगा।
ईओआई के माध्यम से उन्नत उपग्रह प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाना है और वैश्विक स्तर पर काम करने वाली कंपनियों से रुचि की अभिव्यक्ति आमंत्रित की गई है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर जीएनएसएस आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन-ईटीसी के लिए इच्छुक कंपनियों से 22 जुलाई तक निविदाएं आमंत्रित की गई हैं।
मंत्रालय का कहना है कि इस प्रणाली के लागू होने से राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा आसान हो जाएगी और यात्री आसानी से टोल टैक्स का भुगतान कर सकेंगे और निर्बाध गति से आगे बढ़ सकेंगे ||
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