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एनडीए की बैठक से पहले दबाव की राजनीति शुरू, सहयोगी दल मांग रहे पद ||

बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की आज बैठक होने वाली है. इस बैठक में एनडीए के सभी सांसद शामिल होने वाले हैं जो औपचारिक तौर पर नरेंद्र मोदी को अपने गठबंधन का नेता चुनेंगे. लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं और इस बार भी एनडीए को बहुमत मिल गया है. इस बार उन्होंने 293 सीटें जीती हैं. हालांकि, बीजेपी को बहुमत नहीं मिला है|

नरेंद्र मोदी को एनडीए संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद टीडीपी अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू और जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख नीतीश कुमार जैसे वरिष्ठ गठबंधन सदस्यों का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने का कार्यक्रम है। इस बीच राष्ट्रपति को समर्थक सांसदों की सूची सौंपी जाएगी|

लेकिन बैठक से पहले सहयोगी दल टीडीपी और जेडीयू पदों की मांग कर रहे हैं. टीडीपी ने चार और नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने 3 पदों की मांग की है. ऐसे में अगर बीजेपी को दोबारा सत्ता में आना है और नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनना है तो सहयोगियों को खुश करना होगा. मांगों पर सस्पेंस बना हुआ है. हाल ही में बैठक में चर्चा हुई थी जिसमें अमित शाह, राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा को सहयोगी दलों से बात करने और उन मुद्दों पर चर्चा करने की जिम्मेदारी दी गई थी, जिन पर पेंच फंसा हुआ है|

बता दें कि टीडीपी ने लोकसभा अध्यक्ष का पद मांगा है. इसके अलावा केंद्रीय मंत्रालय में 3 और पद मांगे गए हैं. पिछले दिनों 6 पदों की बात हो रही थी. मंत्रालय जेडीयू से 2 पद मांग रहा है. नीतीश कुमार की पार्टी अब 3 पदों की मांग कर रही है. राज्यसभा में उपसभापति का पद जेडीयू के पास है और अगर बीजेपी ने सहयोगी दलों की मांग नहीं मानी तो नरेंद्र मोदी को बड़ा झटका लग सकता है||

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