हाल ही में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तारी के कई मामले सामने आए हैं, ऐसे में नेताओं के मन में गिरफ्तारी का डर भी बना हुआ है. लेकिन अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को कमान सौंप दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा है कि पीएमएलए एक्ट के प्रावधानों के तहत अगर विशेष अदालत ने खुद शिकायत पर संज्ञान लिया है तो ईडी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकती. कोर्ट ने कहा कि अगर ईडी आरोपी को हिरासत में लेना चाहती है तो पहले संबंधित अदालत में आवेदन देना होगा और आवेदन से संतुष्ट होने के बाद ही अदालत आरोपी की हिरासत ईडी को सौंपेगी.
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उजल भुइयां की पीठ ने कहा कि यदि आरोपी समन का पालन करने के लिए विशेष अदालत के समक्ष पेश हुआ है, तो यह नहीं माना जा सकता कि वह हिरासत में है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि अगर कोई आरोपी समन जारी होने के बाद कोर्ट में पेश हुआ है तो उसे जमानत के लिए आवेदन करने की कोई जरूरत नहीं है और पीएमएलए एक्ट की धारा 45 की दो शर्तें उस पर लागू नहीं होती हैं.