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बीजेपी प्रत्याशी परमपाल कौर की बढ़ी मुश्किलें, तुरंत ड्यूटी पर आने के आदेश

बठिंडा से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की उम्मीदवार परमपाल कौर की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. पंजाब सरकार के आदेशों के बावजूद वी.आर.एस. आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने केंद्र से अपने आवेदन को मंजूरी मिलने के बाद भाजपा उम्मीदवार बनीं परमपाल कौर को तुरंत ड्यूटी पर शामिल होने के लिए कहा है। सरकार इस संबंध में जल्द ही केंद्र को पत्र लिखेगी. पंजाब सरकार ने नोटिस पीरियड को आधार बनाया है.

पंजाब सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि उन्हें सेवानिवृत्त या सेवा से मुक्त नहीं माना जा सकता. आप सरकार के अधिकारियों पर वीआरएस लेने के लिए गलत आधार बताने का भी आरोप लगा है. उनका कहना है कि वह राजनीतिक गतिविधियों में लगी हुई थीं.

गौरतलब है कि परमपाल कौर सिद्धू अकाली दल नेता सिकंदर सिंह मलूका की बहू हैं। सरकार की ओर से उन्हें लिखे पत्र में कहा गया है कि पंजाब कार्मिक विभाग के मुताबिक उनकी नौकरी छोड़ने की तीन महीने की नोटिस अवधि माफ नहीं की गई है.

पंजाब की ‘आप’ सरकार ने परमपाल कौर को वीआरएस दे दिया है. कार्य से अनुमोदन हेतु कोई आदेश पारित नहीं किया है। उन पर ‘अनधिकृत’ तरीके से एमडी पद का कार्यभार संभालने का भी आरोप है. परमपाल कौर करीब एक महीने से बठिंडा में चुनाव प्रचार कर रही हैं. जबकि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 11 अप्रैल को दावा किया था कि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है. उधर, बीजेपी ने दावा किया था कि बीजेपी में शामिल होने से पहले 10 अप्रैल को भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीडी) ने इसे स्वीकार कर लिया था.

पत्र में कहा गया है कि अखिल भारतीय सेवा (आईआरएस) नियम, 1958 के नियम 16 ​​(2) में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि नोटिस अवधि में छूट केवल राज्य द्वारा दी जा सकती है, जबकि उपरोक्त मामला राज्य सरकार के विचाराधीन था। राज्य सरकार के अधीन होने के बावजूद परमपाल कौर ने 07 अप्रैल 2024 को सीधे सचिव डीओपीटी, भारत सरकार को पत्र लिखा।

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