FoodHealth NewsLifestyle

नेस्ले का बेबी फ़ूड खाने वाले बच्चे सावधान! मिलावट को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई

अगर आप भी अपने बच्चों को नेस्ले का खाना खिलाते हैं तो सावधान हो जाएं। एफएमसीजी कंपनी नेस्ले विकासशील देशों में बेचे जाने वाले बेबी मिल्क और सेरेलैक जैसे खाद्य उत्पादों में चीनी और शहद मिलाती है। यह खुलासा ज्यूरिख स्थित पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क ने अपनी रिपोर्ट में किया है।

रिपोर्ट के अनुसार, एशिया, लैटिन अमेरिका और अफ्रीका में बेचे जाने वाले छह महीने तक के बच्चों के लिए लगभग सभी गेहूं आधारित शिशु आहार में प्रति कटोरी (1 सर्विंग) औसतन 4 ग्राम चीनी होती है। पब्लिक आई ने इन देशों में कंपनी के 150 उत्पादों का बेल्जियम की एक प्रयोगशाला में परीक्षण किया।

अगर पब्लिक आई का यह दावा सच साबित होता है तो यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। WHO के दिशानिर्देशों के अनुसार, 3 साल से कम उम्र के बच्चों के भोजन में किसी भी चीनी या मिठास का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

रिपोर्ट के मुताबिक, फिलीपींस में प्रति सर्विंग में सबसे ज्यादा 7.3 ग्राम चीनी है। इसके साथ ही नाइजीरिया में शिशु आहार में 6.8 ग्राम और सेनेगल में 5.9 ग्राम चीनी पाई गई। इसके अलावा, 15 में से सात देशों ने उत्पादों में चीनी के स्तर के बारे में जानकारी नहीं दी।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नेस्ले भारत में लगभग सभी बेबी सेरेलैक उत्पादों की प्रत्येक सर्विंग में औसतन 3 ग्राम चीनी मिलाती है। इसके अलावा, 6 महीने से 24 महीने के बच्चों के लिए बेचे जाने वाले 100 ग्राम सेरेलैक में कुल 24 ग्राम चीनी होती है।

Comment here

Verified by MonsterInsights