हरियाणा में स्कूल बस दुर्घटना में 6 बच्चों की मौत पर पंजाब राज्य बाल अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. घटना के बाद आयोग ने राज्य के सभी जिलों के डीसी और एसएसपी को स्कूल बसों की जांच करने का आदेश दिया है. यह भी सुनिश्चित किया जाए कि बच्चों को ले जाने वाले वाहनों में पूरी सुरक्षा व्यवस्था हो। जहां भी कमियां पाई जाएं उन वाहनों को जब्त कर लिया जाए। बच्चों की जिंदगी से किसी भी तरह का खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए। यह सारी कार्रवाई 20 दिन के भीतर करने का आदेश दिया गया है.
स्कूल वाहन योजना के तहत स्कूल बसों को लेकर सख्त नियम हैं। नियमानुसार स्कूल बस का रंग पीला होना चाहिए। बस परमिट, रजिस्ट्रेशन, बीमा, प्रदूषण प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज पूरे होने चाहिए। ड्राइवर अनुभवी होना चाहिए और उसके साथ एक महिला सहायक और एक कंडक्टर होना चाहिए।
गति को नियंत्रित करने के लिए बस में स्पीड गवर्नर का प्रावधान आवश्यक किया गया है। बस के आगे व पीछे स्कूल संचालक, पुलिस कंट्रोल नंबर व चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर आदि लिखा होना चाहिए।
बसों में सीसीटीवी लगाए जाएं और उनकी रिकार्डिंग क्षमता 15 दिन की हो। बस में जीपीएस लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. ड्राइवर के पास कम से कम पांच साल का अनुभव होना चाहिए और इन पांच सालों में तीन बार से ज्यादा चालान नहीं काटा गया हो.
ड्राइवर और कंडक्टर को ड्यूटी के दौरान अपनी वर्दी में रहना होगा। शर्ट पर नेम प्लेट होनी चाहिए. बस में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का होना भी जरूरी है.
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