हाल के सप्ताह ने मांड्या में हनुमान ध्वजा लहराया गया और उसके बाद प्रशासन ने इसे हटा दिया था. मामले को लेकर बीजेपी और जेडीएस ने राज्यभर में प्रदर्शन किया था. इस विवाद के बाद उत्तर कन्नड़ से एक और विवाद सामने आया, जब जिला प्रशासन ने एक सर्कल से वीर सावरकर की नेमप्लेट हटा दी. इसी बीच बेंगलुरु के शिवाजीनगर में लैंप पोस्ट पर हरा झंडा लगाने को लेकर बीजेपी ने सवाल उठाए.
मंगलवार को उत्तर कन्नड़ जिले के टेंगिनागुंडी ग्राम पंचायत में उस समय तनाव फैल गया जब ग्राम पंचायत अधिकारियों ने पुलिस के साथ मिलकर ध्वज स्तंभ का निर्माण रोक दिया और पद से वीर सावरकर की नेम प्लेट हटा दी. बीजेपी कार्यकर्ताओं और कुछ पंचायत सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया और दावा किया कि प्रशासन ने इस ध्वज स्तंभ के लिए 2022 में अनुमति दी और सर्कल का नाम वीर सावरकर सर्कल रखा जाएगा.