वन विभाग के एक दर्जन से अधिक अधिकारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रडार पर हैं. ट्रांसफर के बदले पैसे लेने के मामले में विजिलेंस ब्यूरो की जांच में यह खुलासा हुआ कि डीएफओ के ट्रांसफर के लिए 10 लाख से 20 लाख रुपये, एक रेंजर के लिए 5 लाख से 8 लाख रुपये, एक ब्लॉक के लिए 5 लाख रुपये, अधिकारी और वन रक्षकों से इसके लिए 2 लाख से 3 लाख रुपये तक की रिश्वत ली जाती थी. यह रिश्वत पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत अपने करीबियों और अधिकारियों के माध्यम से लेते थे। इस मामले में ईडी सात से ज्यादा अधिकारियों के बयान दर्ज कर चुकी है.
याद रहे कि ईडी ने कोर्ट के माध्यम से विजिलेंस ब्यूरो की जांच का रिकॉर्ड मांगा था. निदेशालय ने कम से कम दो आईएफएस अधिकारियों और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को पहले ही तलब किया था। हाल ही में राज्य सरकार ने विभाग के दो अधिकारियों को बहाल किया था. हालांकि, बहाली के दौरान कहा गया था कि उक्त अधिकारियों के खिलाफ चल रही विजिलेंस जांच का कोई असर नहीं पड़ेगा.