22 जनवरी को भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीन दशक पुराना प्रण भी पूरा होगा। मोदी इस दिन नए मंदिर में मुख्य यजमान के रूप में रामलला की आंखों से पट्टी हटाए जाने के बाद पहला दर्शन करेंगे।
इसी के साथ 14 जनवरी 1992 को जन्मभूमि में रामलला के सामने ली गई उनकी भावपूर्ण प्रतिज्ञा साकार हो जाएगी। 11 दिसंबर 1991 में कन्याकुमारी से शुरू हुई भाजपा की एकता यात्रा 14 जनवरी 92 को अयोध्या पहुंची थी।
इस यात्रा में मुरली मनोहर जोशी के साथ आरएसएस के पूर्व प्रचारक व गुजरात भाजपा के महासचिव के रूप में नरेंद्र मोदी भी आए थे। तब वह जन्मभूमि में दर्शन करने गए थे। इस दौरान प्रतिज्ञा ली कि अब मंदिर में विराजमान होने के बाद दर्शन करने आएंगे।
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