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बिहार की शादी को किया अवैध घोषित ,पटना हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

पटना हाईकोर्ट ने पकड़ौआ शादी को अमान्य बताया है। कहा है कि जबरदस्ती की गई शादी मान्य नहीं होगी। बंदूक की नोंक पर मांग भरना शादी नहीं कहलाएगी। यानी किसी भी महिला की मांग में जबरन सिंदूर लगाना हिन्दू कानून के तहत शादी नहीं है। जब तक दूल्हा और दुल्हन पवित्र अग्नि के चारों फेरे नहीं ले या दोनों के बीच सहमति न हो, तब तक शादी वैध नहीं मानी जाएगी। गुरुवार को पटना हाईकोर्ट के जस्टिस अरुण कुमार झा और जस्टिस पीबी बजंथ्री ने दस साल पहले हुए पकड़ौआ शादी के केस में सुनवाई की। कोर्ट ने पकड़ौआ शादी को अमान्य बताया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सबूत और गवाह के आधार पर पकड़ौआ विवाद को अमान्य कर दिया।

दरअसल, नवादा निवासी रविकांत की शादी 30 जून 2013 को जबरन कर दी गई थी। वह अपने चाचा के साथ मंदिर गए थे, इसी दौरान उन्हें अगवा किया गया है। इसके बाद बंदूक के बल पर जबरन लड़की की मांग भरवाई गई। इसके बाद रविकांत ने लखीसराय के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में केस दायर किया। रविकांत ने पकड़ौआ को रद्द करने के लिए फैमिली कोर्ट भी गए थे।

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