आने वाले चुनावों में जिन समुदायों को साध कर कांग्रेस अपनी सियासी नींव मजबूत करना चाह रही है, उन्हीं समुदायों पर समाजवादी पार्टी लगातार अपनी दावेदारी ठोक रही है। बीते कुछ दिनों में जिस तरह से कांग्रेस ने मुस्लिम समुदाय के नेताओं को अपने साथ जोड़ने का सिलसिला शुरू किया, वह उत्तर प्रदेश की सियासत से लेकर केंद्र की राजनीति को एक संदेश देने की कोशिश है।
इसी कड़ी में अखिलेश यादव की पीडीए यात्रा (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में बड़ा संदेश देने की तैयारी में आगे बढ़ रही है। सियासी जानकारों का कहना है कि अखिलेश की पीडीए यात्रा वैसे तो सत्ता पक्ष के खिलाफ और अपनी पार्टी की नीतियों को आगे बढ़ाने के लिए चल रही है। लेकिन बीते कुछ दिनों से जिस तरह कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच में तनाव बढ़ा है, उससे इस यात्रा के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं।