समलैंगिक की शादी को मान्यता मिलेगी या नहीं इस पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच का फैसला कुछ देर में आ रहा है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने अपना फैसला पढ़ा। उन्होंने कई सारे तर्क देते हुए केंद्र को समलैंगिक कपल को कई अधिकार देने का आदेश दिया। जस्टिस संजय किशन कौल ने भी समलैंगिक जोड़े को स्पेशल मैरिज ऐक्ट के तहत शादी रजिस्टर कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि वह भी चीफ जस्टिस के फैसले से सहमत हैं। अब जस्टिस रविंद्र भट्ट अपना फैसला पढ़ रहे हैं।
जस्टिस भट्ट ने कहा कि हिंदू मैरिज ऐक्ट और न ही हिंदू सक्सेशन ऐक्ट आदिवासी समुदाय पर लागू नहीं होता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के संबंध के लिए राज्यों को फैसला करना है।
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