चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर के एक बार फिर जागने की उम्मीद है। 14 दिनों की रात के बाद चांद के साउथ पोल पर एक बार फिर सूरज की रोशनी पहुंचने लगी है। इसरो स्लीप मोड पर डाले गए विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से आज यानी 22 सितंबर को संपर्क करने की कोशिश करेगा।
इसरो के मुताबिक, लैंडर और रोवर के सोलर पैनल पर सूरज की रोशनी पड़ते ही ये काम करना शुरू कर सकते हैं। इसरो ने 4 सितंबर को लैंडर को स्लीप मोड में डाला था। इससे पहले 2 सितंबर को रोवर को स्लीप मोड में डाला गया था। इसरो ने लैंडर-रोवर के रिसीवर ऑन रखे हैं।
रोवर ऐसी दिशा में कि सूर्य का प्रकाश सौर पैनल पर पड़े
इसरो ने लैंडर और रोवर को स्लीप मोड में डालने से पहले बैटरी को फुल चार्ज रखा था। रोवर को ऐसी दिशा में रखा गया था कि सूर्योदय होने पर सूर्य का प्रकाश सीधे सौर पैनलों पर पड़े। उम्मीद की जा रही है कि 22 सितंबर को ये फिर से काम करना शुरू करेगा।
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