प्रकाश सिंह बादल के निधन की खबर जैसे ही उनके पैतृक गांव बादल पहुंची, उनके करीबी दोस्तों, प्रशंसकों और समर्थकों को पूरी रात नींद नहीं आई। कई घरों में चूल्हा भी नहीं जलता है। बादल गांव स्थित प्रकाश सिंह बादल के आवास पर सुबह से ही नेताओं व समर्थकों का आना-जाना लगा रहा.
बादल गांव पहुंचे मुक्तसर के पूर्व विधायक कंवरजीत सिंह रोजी बरकंडी ने कहा कि बादल के निधन से एक युग का अंत हो गया. बादल न केवल राजनीतिक रूप से बल्कि सामाजिक और धार्मिक रूप से भी लोगों के बीच जाने जाते थे। बादल एक संस्था थी। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन पर शिरोमणि अकाली दल ही नहीं बल्कि अन्य पार्टियों के नेताओं ने भी गहरा दुख जताया है.
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