पूर्व फौजी की विधवा रंजीत कौर (80) को 50 साल के लंबे संघर्ष के बाद पारिवारिक पेंशन मिलेगी। इतना ही नहीं उनके बाद अविवाहित बेटी इस पेंशन की हकदार होगी। सेना उन्हें एकमुश्त 18 लाख रुपये देगी। साथ ही हर महीने 16,000 रुपये की पेंशन दी जाएगी।इसके अलावा सेना द्वारा पूर्व सैनिकों को दी जाने वाली सेवाएं भी प्रदान की जाएंगी। पूर्व सैनिक की विधवा को दिलवाने में एक्स-सर्विसमैन शिकायत सेल पंजाब ने अहम भूमिका निभाई।
पूर्व सैनिक शिकायत प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सेवानिवृत्त कर्नल एसएस सोही ने बताया कि पूर्व सैनिक की बेटी सुरिंदर कौर ने उनसे वर्ष 2021 में संपर्क किया था. उन्होंने बताया कि उनके पिता हौलदार प्रेम सिंह पुरी मोरिंडा में रहते थे. मां रंजीत कौर ने पारिवारिक समस्याओं के कारण 1973 में घर छोड़ दिया। साथ ही वह मोहाली आ गई और अपने पिता हौलदार पूरन सिंह के साथ रहने लगी। इसके बाद वह रंजीत कौर से मिलने पहुंचे लेकिन वह कुछ नहीं बता सके। उनके पास पूरे दस्तावेज भी नहीं थे।
इसके बाद उनकी टीम मोरिंडा जाकर तथ्य जुटाने गई जहां से पता चला कि 14 साल पहले हलदार प्रेम सिंह की मौत हो गई थी। इससे पहले वह अपनी संपत्ति बेच चुका था। गांव के रसायनज्ञ ओम प्रकाश को टीम मिली। इसके बाद उन्होंने उनके संस्थान का दौरा किया। इसमें महिला के पति का मृत्यु प्रमाण पत्र और फौजी की किताब थी। कर्नल सोही ने दस्तावेज मिलने के बाद मामले को सेना के समक्ष रखा। सेना ने सकारात्मक जवाब दिया। इसके बाद उनके द्वारा कई दस्तावेज पूरे किए गए।