13 साल की बच्ची की जान बचाकर रोहतक स्थित पीजीआई के डॉक्टरों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि डॉक्टरों को सिर्फ धरती का देवता नहीं कहा जाता है. पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में इलाज करा रही बच्ची अब पूरी तरह स्वस्थ है और उसे घर भेज दिया गया है.
पीजीआई के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पवन ने बताया कि करीब 2 माह पूर्व 13 वर्षीय किशोरी ने गलती से पिन निगल ली थी। जो श्वसन मार्ग से होते हुए फेफड़ों में चला गया। जैसे ही पिन फेफड़े में सबसे नीचे घुसा, लड़की को खांसी आने लगी।
धीरे-धीरे खांसी बढ़ती गई और बुखार के साथ-साथ उसे सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी। जिसके बाद वह पिछले हफ्ते पीजीआई दिखाने पहुंचीं। शुरुआती जांच में डॉक्टरों ने देखा कि बच्ची का ऑक्सीजन लेवल बहुत कम हो रहा था और उसे लगातार खांसी आ रही थी.
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