लंबे संघर्ष के बाद पाकिस्तान में सिखों की मांग गिर गई है। उन्हें एक अलग समुदाय के रूप में मान्यता दी गई है। पहले उन्हें ‘अल्पसंख्यक’ के तहत समूहीकृत किया गया था। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान में सिखों को एक अलग समुदाय के रूप में मान्यता देने का फैसला किया है। अब से जनगणना के दौरान सिखों को एक अलग समुदाय माना जाएगा और उनके लिए अलग बॉक्स दिए जाएंगे।
अब तक सिक्खों की संख्या दूसरे धर्मों के नाम वाले एक कॉलम में होती थी, जिससे सिक्खों की सही संख्या का कोई आंकड़ा नहीं मिल पाता था। पाकिस्तान में सिख समुदाय को यह अधिकार लंबे संघर्ष के बाद मिला है। यह फैसला पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों पर लिया गया है, जिसके तहत पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स द्वारा जनगणना फॉर्म में सिख समुदाय की संख्या के लिए एक अलग बॉक्स में सिख समुदाय दर्ज किया जाएगा।
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