दिवाली और बंदी छोड़ दिवस के मौके पर अमृतसर के हरमंदिर साहिब को खूबसूरत रोशनी से सजाया जाता है। शाम होते ही हरमंदिर साहिब की शोभा कई गुना बढ़ जाती है। शाम को 1 लाख देसी घी के दीपक जलाए जाएंगे और आतिशबाजी की जाएगी।
हरमंदिर साहिब की इसी सुंदरता के कारण इसे अमृतसर का दाल रोटी घर, दिवाली कहा जाता है। शाम को चारों ओर दीप जलाकर आतिशबाजी की जाएगी। जहां पूरे भारत में हिंदू श्री राम की अयोध्या वापसी का जश्न मनाते हैं, वहीं दीवाली को आज सिख धर्म में बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर पूरे हरमंदिर साहिब को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जाता है। इससे सोने से बने इस मंदिर की शोभा कई गुना बढ़ गई है।
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