एसवाईएल नहर मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल के बीच बैठक हुई. यह मुलाकात दो घंटे तक चली। सीएम मान ने कहा कि पंजाब में 1400 किलोमीटर लंबी नदियां, नहरें और नाले सूख गए हैं |
हरियाणा को पंजाब से पानी मांगने की बजाय यमुना का पानी पंजाब को देना चाहिए। मान ने पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर ने सांसद रहते हुए इस नहर को काटने के लिए पीएम का स्वागत किया था। सर्वे से लेकर अब तक नेताओं का हर कदम साबित करता है कि उन्होंने पंजाब और पंजाबियों को ठगा है|
इसके जवाब में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इतिहास को चुन-चुनकर और संदर्भ से बाहर का हवाला नहीं देना चाहिए। देश और पंजाब के हितों की देखभाल और रक्षा करने की अपनी प्रतिबद्धता के लिए उन्हें भगवंत मान जैसे किसी व्यक्ति से प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। उस समय मैं सांसद था और इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं। तब से 41 साल बीत चुके हैं और तब के तथ्य अब से बिल्कुल अलग थे।
मान ने खुद कहा था कि ऐसे समझौतों की हर 25 साल में समीक्षा की जानी चाहिए। हालात अब बदल गए हैं, जो तब था, वह अब नहीं है। मैंने पंजाब के पानी की रक्षा के लिए 2004 में वाटर शेयरिंग एग्रीमेंट एक्ट बनाया था।