अगर बादल और अमरिंदर सिंह के बीच समझौता न हुआ होता तो परिवहन और केबल कारोबार सहित अन्य व्यवसाय संभव नहीं होते…
सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा ने नई शिरोमणि अकाली दल बनाकर पंजाब की राजनीति का रुख मोड़ दिया है। अकाली दल ने ढींडसा को कांग्रेस का एजेंट करार दिया, जबकि क्लासिक नेता ने बादल परिवार के खिलाफ बड़े आरोप लगाए। ढींडसा ने दावा किया कि वास्तव में पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और वर्तमान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच एक समझौता हुआ था।
ढींढसा ने कहा कि वर्ष 2017 में राज्य में कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से सुखबीर सिंह बादल की ट्रांसपोर्ट कंपनियों और केबलों का कारोबार सुचारू रूप से चल रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं और मंत्रियों के दबाव के बावजूद मुख्यमंत्री की तरफ से कोई भी कार्रवाई न करने से यह साबित होता है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुखबीर बादल के बीच गहरा गठबंधन था।
अगर बादल और अमरिंदर सिंह के बीच समझौता न हुआ होता तो परिवहन और केबल कारोबार सहित अन्य व्यवसाय संभव नहीं होते। उन्होंने कहा कि अकाली दल के नेताओं को विपक्ष को दोषी ठहराने से पहले अपनी और देख लेना चाहिए।